top of page

कैंची धाम मंदिर – नीम करौली बाबा आश्रम


Kainchi Dham Temple – Neem Karoli Baba Ashram

Yamunotri Mandir.jpg

परिचय


उत्तराखंड के कुमाऊँ क्षेत्र की सुरम्य घाटियों में स्थित कैंची धाम एक ऐसा आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण स्थल है, जहाँ दुनियाभर के श्रद्धालु और साधक शांति, आशीर्वाद और आंतरिक परिवर्तन की तलाश में आते हैं। हनुमान जी को समर्पित यह प्रसिद्ध मंदिर और आश्रम, महान संत नीम करौली बाबा द्वारा स्थापित किया गया था।

यह दिव्य स्थल अपने अद्भुत वातावरण, चमत्कारी इतिहास और प्यार, सेवा और भक्ति के सनातन संदेश के लिए विश्वविख्यात है। हर वर्ष हजारों श्रद्धालु इस पावन धाम में आते हैं ताकि भगवान हनुमान और बाबा नीम करौली के आशीर्वाद को प्राप्त कर सकें और अपने जीवन को आध्यात्मिक रूप से समृद्ध बना सकें।



मंदिर का स्थान


कैंची धाम उत्तराखंड के नैनीताल जनपद में स्थित है। यह भवाली-अल्मोड़ा रोड पर स्थित है, जो समुद्र तल से लगभग 1400 मीटर की ऊँचाई पर बसा हुआ है।

यह पावन स्थल नैनीताल से लगभग 18 किलोमीटर और भवाली से 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ से कोसी नदी बहती है, और चारों ओर घने देवदार और चीड़ के जंगल इस स्थल की आध्यात्मिक सुंदरता को और अधिक बढ़ाते हैं। "कैंची" नाम इस क्षेत्र की घाटी और नदी के आकार के अनुसार रखा गया है, जो कैंची की तरह मुड़ी हुई है।



ऐतिहासिक और धार्मिक पृष्ठभूमि


कैंची धाम का इतिहास 20वीं शताब्दी के महान संत नीम करौली बाबा के जीवन और मिशन से जुड़ा हुआ है।

सन् 1960 के दशक में बाबा ने इस शांत और दिव्य ऊर्जा से भरपूर स्थान को चुना और यहाँ एक हनुमान जी का मंदिर और आश्रम स्थापित करने का संकल्प लिया। 15 जून 1964 को हनुमान जी की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हुई और मंदिर का विधिवत उद्घाटन हुआ।

बाबा ने इस स्थल पर कई चमत्कार किए, जिनकी चर्चा आज भी श्रद्धालुओं में होती है। बाबा ने भक्ति, सेवा और ईश्वर के स्मरण का संदेश दिया, जिसे अपनाकर लाखों लोगों का जीवन रूपांतरित हुआ। 1973 में बाबा के महासमाधि लेने के बाद भी यह आश्रम आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र बना हुआ है।



इस मंदिर का महत्व और प्रसिद्धि का कारण


कैंची धाम न केवल नीम करौली बाबा के अनुयायियों के लिए बल्कि वैश्विक आध्यात्मिक समुदाय के लिए भी एक महत्वपूर्ण स्थल है।

यह एक सिद्ध पीठ मानी जाती है, जहाँ साधकों को शांति, चमत्कारी उपचार और आध्यात्मिक उत्थान का अनुभव होता है। बाबा के उपदेश—"सबसे प्रेम करो, सेवा करो और ईश्वर को याद करो"—आज भी यहाँ के वातावरण में गूंजते हैं।

इस मंदिर की प्रसिद्धि का एक बड़ा कारण है विश्व के प्रसिद्ध व्यक्तित्वों का यहाँ आना। स्टीव जॉब्स, मार्क जुकरबर्ग, रामदास, और अन्य कई पश्चिमी साधकों ने यहाँ आकर बाबा के आशीर्वाद से अपने जीवन को एक नई दिशा दी।

साथ ही, हनुमान जी की दिव्य उपस्थिति यहाँ विशेष रूप से अनुभूत होती है। श्रद्धालु यहाँ साहस, सुरक्षा और आध्यात्मिक शक्ति के लिए हनुमान जी की शरण में आते हैं।



इस मंदिर से जुड़ी रोचक जानकारियाँ


कैंची धाम कई रोचक तथ्यों और दिव्य घटनाओं से भरा हुआ है:

  • स्टीव जॉब्स 1974 में आत्मिक शांति की खोज में यहाँ आए। बाद में मार्क जुकरबर्ग भी उनकी सलाह पर यहाँ आए और उन्होंने अपने अनुभवों को फेसबुक की यात्रा में महत्वपूर्ण बताया।

  • रामदास (डॉ. रिचर्ड एलपर्ट), कृष्णदास, और लैरी ब्रिलिएंट जैसे कई पश्चिमी साधकों ने बाबा के संदेश को पश्चिमी जगत में फैलाया।

  • यहाँ बाबा के चमत्कारी किस्से बहुत प्रसिद्ध हैं—अनेक लोगों ने बीमारी से चमत्कारी रूप से स्वस्थ होने, आपदाओं से बचाव, और दिव्य साक्षात्कार का अनुभव किया है।

  • "कैंची" नाम यहाँ के रास्तों और घाटी के कैंची जैसे आकार के कारण पड़ा है।

  • 15 जून को आयोजित वार्षिक भंडारे में 1 लाख से अधिक श्रद्धालु शामिल होते हैं, जो क्षेत्र के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है।



महत्वपूर्ण तिथियाँ और त्यौहार


कैंची धाम में कई प्रमुख धार्मिक आयोजन पूरे श्रद्धा और भक्ति भाव से मनाए जाते हैं:

  • 15 जून – प्राण प्रतिष्ठा दिवस: इस दिन हनुमान जी की मूर्ति की स्थापना हुई थी। विशाल भंडारा आयोजित किया जाता है।

  • 11 सितंबर – महासमाधि दिवस: नीम करौली बाबा के महासमाधि दिवस पर विशेष पूजन, हवन और सत्संग होते हैं।

  • हनुमान जयंती – हनुमान जी के जन्मोत्सव पर विशेष पूजन, सुंदरकांड पाठ और भजन संध्या आयोजित होती है।

  • इसके अतिरिक्त नवरात्रि, राम नवमी, गुरु पूर्णिमा, और दीवाली भी अत्यंत श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाई जाती हैं।



मंदिर के पास घूमने के स्थान


कैंची धाम के आसपास कई सुंदर प्राकृतिक और धार्मिक स्थल स्थित हैं:

  • नैनीताल (18 किमी): नैनी झील, नैना देवी मंदिर, और सुरम्य पहाड़ी दृश्यों के लिए प्रसिद्ध।

  • भवाली (9 किमी): फलों के बागानों और स्वास्थ्यवर्धक वातावरण के लिए प्रसिद्ध।

  • नौकुचियाताल (27 किमी): सुंदर झील, नौका विहार और पैराग्लाइडिंग के लिए उपयुक्त।

  • सातताल (25 किमी): सात झीलों का समूह, पक्षी प्रेमियों के लिए स्वर्ग।

  • मुक्तेश्वर (43 किमी): मुक्तेश्वर महादेव मंदिर और हिमालय दर्शन के लिए प्रसिद्ध।

  • रानीखेत (60 किमी): शांत हिल स्टेशन, झूला देवी मंदिर और ब्रिटिश कालीन स्थापत्य के लिए प्रसिद्ध।

  • भीमताल (23 किमी): शांत झील और द्वीप एक्वेरियम के लिए प्रसिद्ध।

  • घोड़ाखाल मंदिर (13 किमी): गोलू देवता मंदिर, जहाँ भक्त अपनी मनोकामनाएँ पत्र और घंटियाँ चढ़ाकर पूरी होने की प्रार्थना करते हैं।

  • रामगढ़ (30 किमी): कुमाऊँ का फलोद्यान और साहित्यिक धरोहर स्थल।

  • झीलकोट (20 किमी): ट्रेकिंग और तितली दर्शन के लिए उपयुक्त शांत स्थान।



मंदिर तक कैसे पहुँचें


कैंची धाम तक पहुँचना सुविधाजनक है:

  • रेल मार्ग से: निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम (38 किमी) है, जो भारत के प्रमुख शहरों से जुड़ा है। यहाँ से टैक्सी और साझा वाहन उपलब्ध रहते हैं।

  • सड़क मार्ग से: नैनीताल, हल्द्वानी और काठगोदाम से अच्छी सड़क सुविधाएँ उपलब्ध हैं। निजी टैक्सी और बसें चलती रहती हैं।

  • हवाई मार्ग से: निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर (70 किमी) है। यहाँ से टैक्सी द्वारा मंदिर तक पहुँचा जा सकता है।

त्योहारों के समय भीड़ अधिक होती है, अतः यात्रा और आवास की पूर्व बुकिंग करना उचित रहता है।



मंदिर आने का सबसे अच्छा समय


मार्च से जून और सितंबर से नवंबर का समय कैंची धाम यात्रा के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। इन महीनों में मौसम सुहावना रहता है और यात्रा करना भी सुखद अनुभव होता है।

15 जून का दिन सबसे विशेष होता है, जब प्राण प्रतिष्ठा दिवस के उपलक्ष्य में भव्य आयोजन होता है।

सितंबर से नवंबर में भी महासमाधि दिवस के अवसर पर श्रद्धालुओं का विशेष आगमन होता है।

सर्दियों के महीने (दिसंबर से फरवरी) में यहाँ आकर साधक शांतिपूर्ण साधना का आनंद ले सकते हैं। मानसून के समय (जुलाई-अगस्त) में भारी वर्षा के कारण यात्रा थोड़ी कठिन हो सकती है।



निष्कर्ष


कैंची धाम एक ऐसा पावन स्थल है, जहाँ जाकर व्यक्ति का हृदय भक्ति, सेवा और प्रेम से भर उठता है। नीम करौली बाबा की दिव्य उपस्थिति यहाँ आज भी गहराई से अनुभव की जाती है। यहाँ का वातावरण साधकों को आंतरिक शांति, आशीर्वाद और आध्यात्मिक उत्थान प्रदान करता है।

यदि आप हनुमान जी के परम भक्त हैं, कोई आध्यात्मिक साधक हैं, या फिर जीवन में शांति और दिव्यता का अनुभव करना चाहते हैं, तो कैंची धाम आपके लिए एक आदर्श तीर्थस्थल है। आइए, इस दिव्य धाम की यात्रा करें और अपने जीवन को भक्ति और सेवा के मार्ग पर आगे बढ़ाएँ।

bottom of page